HUMAN SELF CARE TEAM (HSCT)
नियमावली एवं उद्देश्य
संगठन का उद्देश्य
HSCT (ह्यूमन सेल्फ केयर टीम) की स्थापना समाज के सभी वर्गों को आर्थिक, सामाजिक और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।
इस संगठन का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी परिवार को अपने प्रियजन की मृत्यु के बाद आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
यह टीम परस्पर सहयोग की भावना पर आधारित है, जहाँ प्रत्येक सदस्य मिलकर जरूरतमंद परिवार को सहायता प्रदान करता है।
सदस्यता हेतु पात्रता
HSCT की सदस्यता निम्नलिखित वर्गों के लिए उपलब्ध है:
- समस्त सरकारी विभागों के कर्मचारी, डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी
- वित्तविहीन विद्यालय, कॉलेज और मदरसा के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं प्रबंधक
- प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारी, एडवोकेट, मीडियाकर्मी, व्यवसायी
- किसान, मजदूर, कारीगर, गृहिणी, छात्र-छात्राएं
सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 55 वर्ष है। एक बार सदस्य बनने के बाद 60 वर्ष तक सदस्यता बनाए रखी जा सकती है।
वार्षिक दान
संगठन की पारदर्शिता और संचालन के लिए सभी सदस्यों को स्वैच्छिक रूप से वार्षिक ₹50 दान देने का अनुरोध किया जाता है। यह दान निम्नलिखित कार्यों में उपयोग किया जाएगा:
- वेबसाइट और ऐप के निर्माण एवं संचालन में
- संगठन के जिला एवं प्रदेश कार्यालयों के खर्च में
- सदस्यों की सहायता के लिए हेल्पलाइन सेवाओं में
- प्रचार-प्रसार एवं सदस्यता अभियान में
- समाज के जरूरतमंद लोगों की सहायता में
आर्थिक सहयोग प्रक्रिया
यदि HSCT के किसी वैधानिक सदस्य की असामयिक दुखद निधन हो जाती है तो HSCT से जुड़े शेष अन्य सभी सदस्य संस्थापक मंडल द्वारा नियमानुसार आधिकारिक आह्वान पर निर्धारित न्यूनतम धनराशि सीधे दिवंगत सदस्य के नॉमिनी के बैंक खाते में आर्थिक सहयोग भेजेंगे। आर्थिक सहयोग भेजकर वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन डिटेल्स भरते हुए ट्रांजेक्शन रसीद अपलोड करना भी अनिवार्य है। वर्तमान में आर्थिक सहयोग प्रति सदस्य न्यूनतम 50 रूपए निर्धारित किया जा रहा है। सदस्य संख्या के अनुसार प्रति सदस्य न्यूनतम धनराशि घटाने का अधिकार संस्थापक मंडल के पास सुरक्षित रहेगा।
लॉक-इन अवधि और सहयोग नियम
हर नए सदस्य के लिए 12 माह का लॉक-इन पीरियड होगा। यदि किसी सदस्य का निधन इस अवधि के भीतर होता है, तो उसके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जाएगी।
सदस्यता बनाए रखने के लिए 90% सहयोग करना अनिवार्य होगा।
बेटी विवाह योजना
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता प्रदान करना है। इसके तहत:
- योजना का लाभ केवल वैधानिक सदस्यों को मिलेगा।इस योजना में पात्रता हेतु दिवंगत सदस्य के परिवार को सहयोग मामले में भी वैधानिक होना अनिवार्य है। HSCT का वैधानिक सदस्य ही बेटी विवाह योजना में पात्र है। जो सदस्य नियमानुसार दिवंगत सदस्य के नॉमिनी को सहयोग नहीं किया है वह सदस्य बेटी विवाह शगुन योजना में पात्र नहीं है।
- लाभार्थी सदस्य को 90% अवसरों पर सहयोग करना अनिवार्य होगा।
- इस योजना में अधिकतम दो जैविक पुत्रियों को ही शामिल किया जाएगा।
- योजना का लाभ प्राप्त करने के बाद अगले 10 वर्षों तक 90% सहयोग करना अनिवार्य होगा।
- बेटी विवाह योजना में लाभार्थी सदस्य द्वारा लाभ के बाद न्यूनतम 10 वर्ष तक बेटी विवाह योजना के 90% अवसरों पर आर्थिक सहयोग करना अनिवार्य है। यदि लाभार्थी बेटी विवाह योजना में आगामी 10 वर्षों तक 90% अवसरों पर सहयोग नहीं किया तो असामयिक निधन और गंभीर बीमारी इलाज आर्थिक मदद हेतु स्वतः अवैधानिक हो जाएगा। यदि बेटी विवाह योजना में लाभ प्राप्त करने के बाद लाभार्थी इस योजना में आगामी 10 वर्षों तक 90% अवसरों पर सहयोग नहीं किया तो उक्त लाभार्थी HSCT के समस्त आर्थिक लाभ योजना में स्वतः अपात्र हो जाएगा।
- किसी महिला सदस्य के स्वयं के विवाह पर बेटी विवाह योजना लागू नहीं है।
- यदि पति पत्नी दोनों सदस्य हैं तो पति पत्नी में से कोई एक ही इस योजना में लाभ के पात्र हैं। अर्थात पति पत्नी दोनों में से कोई एक ही "बेटी विवाह योजना" में लाभ हेतु आवेदन कर सकेगा।
- बेटी विवाह शगुन योजना में आवेदन हेतु सदस्य के जिस बेटी की विवाह के लिए मदद होना है वह बेटी भी HSCT का सदस्य जरूर होना चाहिए। ऐसा इसलिए कि कोई सदस्य अपनी बेटी का विवाह 18 वर्ष उम्र से पूर्व न करे।
- HSCT का जो सदस्य बेटी विवाह शगुन योजना में आर्थिक मदद नहीं करता है उसकी HSCT वैधानिकता प्रभावित नहीं होगी। HSCT वैधानिकता के लिए दिवंगत सदस्य के परिवार को नियमानुसार आर्थिक मदद करना अनिवार्य है।
- HSCT सीधे बेटी के पिता के खाते में सहयोग करवाती है इसलिए सहयोग प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार की न्यायिक या कानूनी चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं है। बेटी विवाह शगुन योजना में सहयोग प्राप्त करना सिर्फ नैतिक अधिकार है, कानूनी अधिकार नहीं है।
महत्वपूर्ण नियम
- सदस्य द्वारा आत्महत्या की स्थिति में कोई आर्थिक सहयोग प्रदान नहीं किया जाएगा।
- यदि किसी सदस्य का नॉमिनी ही हत्या में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे सहायता नहीं दी जाएगी।
- संगठन के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले सदस्यों की सदस्यता रद्द की जा सकती है।
- यदि सदस्य द्वारा बनाए गए नॉमिनी ने ही खुद सदस्य की हत्या की है तो ऐसे नॉमिनी को आर्थिक मदद नहीं किया जायेगा। ऐसे परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर अपने स्वविवेक से संस्थापक मंडल दिवंगत सदस्य के यथोचित नॉमिनी का चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
- संस्थापक मंडल वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेंगे अपने स्तर से परीक्षण करने व निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। कोई भी सदस्य/नॉमिनी आर्थिक सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा नहीं कर सकेगा, बल्कि टीम द्वारा वैधानिकता के संबंध में लिए गए निर्णय के आधार पर नैतिक रूप से आर्थिक सहयोग कराने का प्रयास किया जाएगा।